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दिन और रात के अज़कार

SleepAdhkar
सोने के अज़कार

अल्लाह का फ़ज़ल है कि उसने बंदों केलिय सुबह से लेकर बिस्तर पर आने ज़िक्र करने का हुक्म दिया है । ताकि सवाब मिले और शैतान से हिफ़ाज़त हो सके और रसूल सल्लल्लाहु अलैहे व् सल्लम की सुन्नत पर अमल हो सके ।

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AfteroonAdhkar
शाम के अज़कार

अल्लाह ने सुबह और शाम में ज़िक्र करने पर उभारा है । ताकि बंदा अपने दिन की शुरुआत अल्लाह के ज़िक्र से करे और अपने दिल को ज़िक्र से ज़िंदा रखे । और ज़िक्र से शैतान की बुराइयों से महफूज़ रहे और आप सल्लल्लाहु अलैहे व् सल्लम की सुन्नत पर अमल करते हुए, अल्लाह का फ़रमान है: “अपने रब की तस्बीह बयान करें सूरज निकलने और डूबने से पहले भी ।”

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morningAthkar
सुबह के अज़कार

फ़जर से ही बंदा अल्लाह का ज़िक्र करना शुरू कर देता है, अल्लाह का फ़रमान है: “अपने रब की तस्बीह बयान करें सूरज निकलने से पहले भी और डूबने से पहले भी ।” ताकि बंदा अपने दिन की शुरुआत अल्लाह के ज़िक्र से करे ।

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التلقين

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हम आपको छोटी सूरह और अज़कार का उच्चारण करने और सही तरीक़े से पढ़ने और बोलने में मदद करने के लिए एक सेवा प्रदान करते हैं

. सही से याद करने और बोलने केलिए बार-बार दोहराना

. हम आपके लिए सबसे सुंदर और अच्छे क़ारी की आवाज़ में ऑडियो फाइलें प्रदान करते हैं

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